मिर्जापुर जनपद के स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी के बेटे ने जिले का नाम रोशन किया है.बेटे राज पांडेय का लेफ्टिनेंट पद पर चयन हुआ है.ऑल इंडिया मेरिट लिस्ट में 289वीं रैंक हासिल कर लेफ्टिनेंट बने हैं.बेटे के सफलता पर पिता अखिलेश पांडेय ने पांच टीबी मरीजों को गोद लिया है.
यदि मन में कुछ करने के जज्बा हो और लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत करे तो एक दिन सफलता जरूर कदम चूमती है. कुछ ऐसी ही सफलता की कहानी उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के रमई पट्टी के रहने वाले स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर काम कर रहे कर्मचारी अखिलेश पांडेय के बेटे राज पांडेय ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित होकर जिले का नाम रोशन किया है. सेना में लेफ्टिनेंट पद पर चयनित हुए राज पांडेय ने ऑल इंडिया मेरिट लिस्ट में 289वीं रैंक हासिल की है. राज पांडेय के पिता अखिलेश पांडेय क्षय विभाग में संविदा के रूप में कार्यरत है. और बेटा राज पांडेय शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रहा है. हाई स्कूल इंटर बीएससी की स्कूली शिक्षा मिर्जापुर से की है.तीनों में 90 प्रतिशत प्लस अंक प्राप्त किए इसके बाद भारतीय सेना में अच्छे पद की चाहत में तैयारी के लिए बेंगलुरु चले गए उन्होंने ने राष्ट्रीय स्तर की सीडीएस परीक्षा की कोचिंग करते हुए यह सफलता प्राप्त की है.
मिर्जापुर शहर के रमई पट्टी के रहने वाले राज पांडेय के पिता अखिलेश पांडेय क्षय विभाग में कार्यरत है.बेटे के सफलता को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सी एल वर्मा के उपस्थिति में जिले के इलाज पर चल रहे पांच टीबी रोगियों को पोषण पोटली भेंट करते हुए गोद लेने को कहा.साथ ही कहा मैं सभी पांचो मरीजों को पूरे इलाज अवधि तक हर महीने इसी तरीके से पोषण पोटली भेंट करता रहूंगा.इस सराहनीय कार्य पर सीएमओ ने बधाई दी है.
पिता अखिलेश पांडेय ने बताया कि उसका शुरू से ही भारतीय सेना में जाकर देश की सेवा करने का लक्ष्य था.बेटा राज पांडेय इसके लिए जी-तोड़ मेहनत करता था. उसने बीएससी करने के बाद मिर्जापुर से बेंगलुरु कोचिंग करने गया. भारतीय सेना ने 23 मई को ऑल इंडिया मेरिट सूची जारी की, जिसमें राज पांडेय ने 289वीं रैंक हासिल की.
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